World Food Day 2021: विश्व खाद्य दिवस | Global Hunger Index 2021 : वर्ल्ड हंगर रिपोर्ट 2021
आज विश्व खाद्य दिवस है। विश्व खाद्य दिवस का वार्षिक उत्सव खाद्य और कृषि संगठन के महत्व को दर्शाता है। यह दुनिया भर में सरकारों द्वारा लागू प्रभावी कृषि और खाद्य नीतियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर मेंहर किसी के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो।
विश्व खाद्य दिवस से ठीक पहले जारी वर्ल्ड हंगर रिपोर्ट 2021 (Global Hunger Index 2021) में भारत 116 देशों की सूची में वर्ष 2020 से सात स्थान फिसल कर 101वें स्थान पर जा पहुंचा है। GHI मैं भारत का अंतिम 15 देशों में सम्मिलित होना चिंतित कर देने वाला है।
वहीं भारत सरकार की ओर से GHI के लिए एफएओ द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली अवैज्ञानिक करार दिया गया है।
बिश्नोई समाज के संस्थापक परम श्रद्धेय सद्गुरु जाम्भोजी ने सबदवाणी में शाकाहारी व सात्विक भोजन को उत्तम बताया जिससे मन व बुद्धि शुद्ध रहती है।
घण तण जिम्या को गुण नाहीँ
कहकर गुरु जाम्भोजी ने भोजन के भाव अर्थात् अल्पाहार और शाकाहार को मनुष्य देह से नेह के रूप में परिभाषित किया।
बिश्नोईयों की समृद्ध सामाजिक परंपरा "घर आवे आदरीयो जीवने" रही है । इसी परंपरा का निर्वहन बिश्नोई जन आद्य से लेकर वर्तमान में निष्ठा से कर रहे हैं।
इस समृद्ध परंपरा को मैं बचपन से देखता हुए बड़ा हुआ हूं। दादा जी हमेशा जब भले ही कोई मांगने वाला भी आता तो उसे अन्न (गेंहू/बाजरा) की फेरी कराने से पूर्व खाने के बारे में अवश्य पूछते और भोजन कराते थे। यही भाव विश्व खाद्य दिवस मनाने के पीछे हैं।
भोजन के संदर्भ में कहा भी गया है:
उतना ही ले थाली में व्यर्थ ना जाए नाली में।
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Very good
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